ॐ ऐं ह्रीं श्री कलिकुंडस्वामिने नमः आरोग्य-परमेश्वर्य कुरु कुरु स्वाहा ।।
( यह मंत्र श्री पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा के सामने शुद्ध भाव एवं क्रियापूर्वक १०८ बार जपना चाहिए)